नेताजी पिटे, बहुत गलत हुआ पर हुआ
संजय कुमार सिंहकल को कोई ये नहीं कहे कि फलां पार्टी के विधायक पिटे तो मैंने कुछ नहीं कहा। अभी तो विधायक जी किसी भी पार्टी में स्थिर नहीं हैं। चुनाव जीतकर दल बदलने वाले नेता को चुनाव से पहले किस पार्टी में माना जाए। पर मैं उनकी पिटाई की निन्दा करता हूं। मनुष्य की मौत पर चुप रहने और हथिनी की मौत पर बोलने वाले नेताओं के साथ भी ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। नेता जी नेता हैं, उनकी मजबूरी, जिम्मेदारी और विशेषाधिकारों को समग्र रूप में समझिए। उनके रंग बदलने और दल बदलने को समझिए। उन्हें पिटाई से ऊपर रखना चाहिए। मालूम हो ग्वालियर में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक मुन्ना लाल गोयल को जनता ने धर कर तबियत से कूट दिया है…।सिर पर 5 टांके लगे। दलबदलू नेता को जनता की नाराजगी बहुत भारी पड़ी…।