लाॅक डाउन में दलमा के चीरहरण की रफ्तार बढ़ी, ग्रामीण वन बचाने में लगे
जमशेदपुर, 1 जून: जमशेदपुर कोरोनावायरस की वजह से जारी लाॅक डाउन में सब कुछ बंद है परंतु जंगल की कटाई तेज हो गई है। दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में कुल्हाड़ी और दाउली लेकर सैकड़ों लोग रोजाना घुसते हैं और 10-15 फुट के हजारों पेड़ काट कर ले जा रहे हैं। ये पेड़ बड़े होकर छायादार और फलदार वृक्ष बनते। रोजाना दलमा पहाड़ में इन वृक्षों की कटाई को विशाल पेड़ों की भ्रूण हत्या कहा जा रहा है। काटे गए वृक्षों में साल, महुआ, पियाल, हेसल, करम, आम, जामुन, केंदू के छोटे वृक्ष बताए जाते हैं।
लाॅक डाउन के दौरान इन वृक्षों की तेजी से होती हुई कटाई को रोकने की फुर्सत वन विभाग के पास नहीं है। ग्रामीणों द्वारा कई बार सूचना देने के बाद भी वन विभाग ने आश्रयणी की अंधाधुंध कटाई को रोकने की पहल नहीं की। इससे दलमा वन्य आश्रयणी की पहाड़ियां से तेजी से हरियाली गायब हो रही है।
भिलाई पहाड़ी से रूपायडांगा तक देवघर मौजा के भीतर पड़ने वाली दलमा वन्य आश्रयणी की पहाड़ियों की रक्षा यहां के ग्रामीण ‘वन रक्षा समिति’ बनाकर 25 सालों से करते आए हैं। इसके लिए बाकायदा ग्रामीण युवकों की टीम है जो ग्राम प्रधान सिमाल मुर्मू और सोनाराम मुर्मू के नेतृत्व में वृक्षों की रक्षा करती है। इस टीम में लाॅक डाउन में बढ़ रही कटाई को रोकने के लिए 2 मई से मोर्चा संभाला। दलमा पहाड़ पर उतरने वाली पगडंडियों पर इन लोगों ने अपनी टीम से नाकेबंदी करा दी। कटे हुए वृक्ष लेकर पहाड़ से उतरने वाली महिलाओं और पुरुषों को इन लोगों ने पकड़ा और कटे हुए वृक्ष जप्त कर लिए। साथ ही वृक्ष काटने के उपयोग में लाई जाने वाली दाउली, गड़ासा और कुल्हाड़ी को भी इन्होंने छीन लिया। फिर वन विभाग को फोन पर जानकारी देकर कटे हुए वृक्ष एवं हथियार को ले जाने का आग्रह किया। परंतु 3 दिन बीतने के बाद भी वन विभाग का कोई संबंधित पदाधिकारी नहीं पहुंचा।

वन रक्षा समिति के सिमाल मुर्मू और सोनाराम ने बताया कि उन्होंने 2 मई को वन विभाग के सौरभ कुमार को फोन कर जप्त वृक्ष और हथियार ले जाने की सूचना दी, पर उन्होंने समय नहीं होने की बात कही। तब जप्त किए गए 12 बंडल वृक्षों को एक वाहन में लादकर ग्राम प्रधान के घर ले जाया गया। उन्हें अपने पाॅकेट से 700 रुपए भाड़ा देना पड़ा। 3 मई को जप्त किए गए कटे वृक्ष और हथियारों को ले जाने के लिए जब वन रक्षा समिति के लोगों ने फिर से सौरव कुमार को 2 बार फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
वन रक्षा समिति ने अब तक करीब 50 वृक्ष काटने वालों को पकड़ा और उनके हथियार छीन लिया। उन्हें वृक्ष नहीं काटने के बारे में समझाया और धमकी भी दी। जिससे वन रक्षा समिति के इलाके में वृक्ष की कटाई कम हुई है। परंतु दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के बहुत बड़े भाग में वृक्षों की कटाई तेजी से जारी है। अगर इस रफ्तार को नहीं रोका गया तो लाॅक डाउन में दलमा के पहाड़ अर्ध नग्न हो जाएंगे। इसमें शक नहीं।