शिक्षा मंत्री का आत्मविश्वास जागा, प्राइवेट स्कूलों को फीस नहीं लेने का दिया आदेश
जमशेदपुर, 6 जून : लॉक डाउन एक के बाद से प्राइवेट स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों के अभिभावकों पर फीस जमा करने के लिए जोर डाला जा रहा है। अनेक अभिभावक लॉक डाउन के दौरान कमाई नहीं होने के कारण फीस जमा करने में असमर्थ हैं। झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो प्राइवेट स्कूलों से लॉक डाउन की अवधि की फीस नहीं लेने का अनुरोध बार-बार कर रहे थे। इसके विपरीत प्राइवेट स्कूलों ने विद्यार्थियों को स्कूल से निकाल देने की धमकी देने देनी शुरू कर दी थी। उन्होंने फीस जमा नहीं करने वाले बच्चों को ई- क्लास से आउट कर दिया था। झारखंड सरकार और शिक्षा मंत्री खुद को प्राइवेट स्कूलों के सामने असहाय समझ रहे थे। उन्होंने प्रेस में बयान तक दे दिया था कि वे शिक्षा मंत्री हैं पर प्राइवेट स्कूल उनकी बात नहीं सुनते हैं। उस परिस्थिति में 29 मई 2020 को ‘आज़ाद मज़दूर’ अखबार ने ‘प्राइवेट स्कूलों के सामने मिमियाना बंद करें शिक्षा मंत्री जबकि स्कूलों की चाबी सरकार के हाथ’ शीर्षक समाचार प्रकाशित किया था। इसमें ‘आज़ाद मज़दूर’ ने उन मुद्दों का जिक्र किया था, जिसके तहत प्राइवेट स्कूलों की चाबी शिक्षा विभाग के हाथों में रहती है। संभवत इससे पहले शिक्षा मंत्री को अपने विभाग की शक्ति का पता नहीं था।
‘आज़ाद मज़दूर’ में प्रकाशित किया गया था कि प्राइवेट स्कूलों को दिल्ली बोर्ड से एफीलिएशन तभी मिलता है जब शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट देते हैं। अगर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी प्राइवेट स्कूलों को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट न दें तो स्कूलों का एफीलिएशन दिल्ली बोर्ड रद्द कर देगा। वैसे में काफी प्राइवेट स्कूल बंद हो सकते हैं। समाचार पत्र में यह भी छापा गया था कि ज्यादातर स्कूलों के पास नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट घूस देकर बनवाए गए हैं। अगर शिक्षा विभाग बड़ी जांच एजेंसी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की जांच ईमानदारी से करा दे तो आधे से ज्यादा प्राइवेट स्कूल बंद हो जाएंगे। क्योंकि अधिकतर प्राइवेट स्कूल नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के लिए जरूरी शर्तें पूरी नहीं करते। शायद ‘आज़ाद मज़दूर’ की खबर से शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो को अपने विभाग की ताकत का पता चला। ‘को नहीं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो’ इस उक्ति को चरितार्थ करते हुए आज झारखंड के शिक्षा मंत्री ने कड़ा कदम उठाते हुए सभी प्राइवेट स्कूलों को आदेश दिया है कि वे लॉक डाउन की अवधि की स्कूल फीस नहीं लेंगे तथा इस अवधि का बस भाड़ा भी विद्यार्थियों के अभिभावकों से नहीं वसूला जाएगा। आत्मविश्वास से भरे हुए झारखंड के शिक्षा मंत्री का यह आदेश झारखंड के अभिभावकों को बड़ी राहत दे रहा है। देखना यह है कि प्राइवेट स्कूल झारखंड सरकार के इस आदेश की अवहेलना करते हैं या सीधी तरह मान जाते हैं।