कोविड-19 मरीज की लाश जलाने में बाधा पहुंचाई, पुलिस पर पथराव, जवाबी लाठीचार्ज

जमशेदपुर, 5 जुलाई : आज ह्यूम पाइप भुइयां बस्ती के लोगों ने शर्मनाक हरकत करते हुए कोविड-19 के मरीज का अंतिम संस्कार स्वर्णरेखा श्मशान घाट में होने देने में बाधा पहुंचाई। इस अभियान में कल शाम झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व मंत्री दुलाल भुईयां श्मशान घाट के गेट पर पहुंच कर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। मालूम हो दुलाल भुइयां इसी बस्ती के निवासी हैं। परंतु आज दुलाल भुईयां और उनके समर्थक गायब थे। बस्ती की महिलाओं ने मोर्चा संभाला था। सोनारी खुटाडीह निवासी 71 साल के बुजुर्ग का शव श्मशान घाट पहुंचते ही बस्ती की महिलाओं का विरोध शुरू हो गया। महिलाएं पुलिस के सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गईं और रोगी की लाश का अंतिम संस्कार इस शमशान घाट में होने का विरोध करने लगीं। मौके पर तैनात पुलिस अधिकारी एसपी सिटी सुभाष चंद्र जाट, एसडीओ चंदन कुमार व एडीएम लॉ एंड ऑर्डर एम. लाल वगैरह महिलाओं को वैज्ञानिक तरीके से समझा रहे थे कि कोविड-19 मरीज की लाश इलेक्ट्रिक फर्नेस में डालकर जलाई जा रही है, वैसी स्थिति में कोरोना वायरस के फैलने की संभावना बिल्कुल ही नहीं है।

सरकारी पदाधिकारियों की बातें अधिकांश लोग समझ गए थे परंतु अचानक 2-3 महिलाओं ने भीड़ से निकल कर पुलिस पर पथराव कर दिया। जिसके 2 महिला पुलिसकर्मियों के सर फट गए। जवाब में पुलिस ने बस्ती वालों को खदेड़ने के लिए लाठियां चलाईं तथा पत्थर मारने वाली महिलाओं को दौड़ाकर उनकी गिरफ्तारी की। इस दौरान भगदड़ मच गई। बस्ती के अन्य लोगों ने भी पुलिस पर पत्थर चलाए। पुलिस ने भीड़ को स्वर्णरेखा नदी के घाट तक खदेड़ा। घटनास्थल से कुल 10 लोग हिरासत में लिए गए। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक है।

मौके पर सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट ने जानकारी दी कि भीड़ को समझाने के क्रम में अचानक एक महिला दो-तीन महिलाओं के साथ सामने आई और पुलिस पर पत्थर चला दिया। यह नासमझी और गैर जिम्मेदाराना हरकत है। इससे माहौल खराब हो गया। एसपी सिटी ने कहा की महिलाओं ने ऐसा खुद किया या किसी के उकसाने पर ऐसा किया, इसकी जांच पुलिस कर रही है। घायल महिला पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल करा दिया गया है।मालूम हो कल शाम को टाटा मेन हॉस्पिटल में साकची की रहने वाली 88 साल की एक महिला की मौत भी कोविड-19 से पीड़ित होने के चलते हो गई। सूत्रों के मुताबिक इन्हें 21 जून को टाटा मेन हॉस्पिटल में सांस लेने की तकलीफ और सीने में संक्रमण के आधार पर दाखिल किया गया था। दाखिले के वक्त इनकी कोविड-19 जांच की गई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई। मसलन ये कोरोना संक्रमण की शिकार नहीं थीं। परंतु कल इनकी मौत के बाद इनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। किस तरह जिला प्रशासन ने इनका अंतिम संस्कार भी आज स्वर्णरेखा घाट में प्रोटोकाल के तहत खुद किया।

टाटा मेन हॉस्पिटल में महिला के पुत्र उनसे मिलने आते थे। इसलिए उनके पुत्र, बहू और पोता की जांच प्रशासन ने कराई। इससे पहले कल दोपहर 12:10 बजे सोनारी के 71 साल के कोरोना मरीज की मौत टाटा मेन हॉस्पिटल में हो गई थी। उनके पुत्र, पत्नी, बहू एवं पोते की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। परंतु उनकी बेटी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस संबंध में जिला प्रशासन उचित कार्यवाही कर रहा है।आज कोरोना के दोनों मरीजों की लाशों के अंतिम संस्कार में जिला प्रशासन के सख्त रुख की तारीफ की जा रही है। लोगों का कहना है कि कोविड-19 के लिए जरूरी सावधानी लोग नहीं बरत रहे हैं। ह्यूम पाइप भुइयां बस्ती के लोग मास्क नहीं पहनते हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हैं, भीड़ लगाकर ठेलों में चाट-गोलगप्पे खाते हैं। उस वक्त उन्हें कोरोना संक्रमण फैलने की चिंता नहीं होती, परंतु कोविड-19 मरीज की लाश सुरक्षा पूर्वक जलाने पर भी वे बिना वजह विरोध करते हैं।