दूसरे राज्यों में फंसे हैं 1600 आदिवासी के सर्टिफिकेट
जमशेदपुर, 1 जुलाई: पोटका के कुल 1600 छात्र-छात्राएं, जो दूसरे राज्यों में झारखंड सरकार द्वारा दी गई छात्रवृत्ति से टेक्निकल की पढ़ाई कर रहे थे, इनकी छात्रवृत्ति पिछली सरकार द्वारा बंद कर दिए जाने से छात्रों का भविष्य अंधकार हो गया है। छात्रवृत्ति बंद होने से बच्चे न परीक्षायें दे पाए हैं न उनका मूल प्रमाण पत्र ही वापस मिल पाया है। जिससे इन 1600 छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है। पोटका के विधायक संजीव सरदार और घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन ने सीएम हेमंत सोरेन से मिलकर यह बात रखी। उन्होंने पत्र सौंपकर झारखंड सरकार को इस दिशा में पहल करने की अपील की। जिससे इन छात्र-छात्राओं का मूल प्रमाण पत्र वापस मिल सके। ताकि बच्चे अपने भविष्य को संभालने में सफल हो सकें। इसके साथ ही पोटका में डिग्री काॅलेज की स्थापना करने की मांग करते हुए विधायक संजीव सरदार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र सौंपा। पत्र में कहा गया है कि पोटका की कुल आबादी 2.5 लाख है। मगर एक भी बीएड काॅलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान व महाविद्यालय की स्थापना अभी तक नहीं हो पाई है। उच्च शिक्षा के लिए छात्र-छात्राओं को जमशेदपुर या घाटशिला जाना पड़ता है। जिससे गरीब छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए अगले वित्तीय वर्ष में पोटका व डुमरिया के बीच उच्च शिक्षण हेतु संस्थान खोले जाएं।