कोविड-19 के शक में मरीज का इलाज नहीं करने वालों पर डीएम एक्ट के तहत मुकदमा होगा-उपायुक्त
जमशेदपुर, 17 अगस्त : आज पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार की अध्यक्षता में कॉरपोरेट घरानों के प्रतिनिधियों, जिले के प्राइवेट नर्सिंग होम संचालकों और अस्पताल प्रबंधन के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठक की गई। इस बैठक में सीएसआर के तहत कोविड-19 से लड़ने में कॉरपोरेट घराना क्या सहायता कर सकते हैं इस पर विमर्श किया गया। जिला प्रशासन द्वारा सभी कंपनियों को सीएसआर के तहत तय सहयोग राशि सहायतार्थ देने का आग्रह किया गया ताकि कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई आपसी सहयोग से लड़ी जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि सीएसआर के तहत किए गए सहयोग से जिला प्रशासन द्वारा ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, एंबुलेंस, मेडिकल किट, अतिरिक्त स्वास्थ्य व सफाई कर्मियों के मानदेय तथा अन्य आवश्यकताओं की आपूर्ति की जा सकेगी।उपायुक्त द्वारा सभी कॉरपोरेट के प्रतिनिधियों से निवेदन किया कि अपने पोषक क्षेत्र तथा कर्मचारियों के लिए 100 बेड के कोविड केयर सेंटर का निर्माण कराये ताकि जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल व कोविड केयर सेंटर पर अनावश्यक दवाब न पड़े। स्थानीय कंपनियों में प्रवासी मज़दूरों के नियोजन पर भी विचार किया गया। साथ ही सभी को सख्त निर्देश दिया गया कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के मद्देनजर राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देश का कंपनी परिसर में अनुपालन सुनिश्चित करें। अपने पोषक क्षेत्र में नियमित हेल्थ कैम्प आयोजित करने का भी निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि सभी कंपनियां छुट्टी से लौटने वाले अपने कर्मचारियों को अनावश्यक छुट्टी पर न भेजें, मामला संदिग्ध प्रतित होता है तो तत्काल उनकी कोविड-19 जांच करायें तथा आवश्यक अग्रेत्तर कार्रवाई करें। उपायुक्त ने कहा कि हम सभी लोगों की जवाबदेही बनती है कि हमारा सामूहिक प्रयास एक ही दिशा में हो तभी हम कोरोना वायरस जैसी महामारी से डटकर मुकाबला कर सकते हैं।
बैठक में अपर उपायुक्त सौरव कुमार सिन्हा, जिला परिवहन पदाधिकारी सह नजारत उप समाहर्ता दिनेश रंजन और 17 कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। उपायुक्त द्वारा निजी नर्सिंग होम संचालक व अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठक में सख्त निर्देश दिया गया कि जिस अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा है उसे निरंतर कार्यरत रखें। यह सुनिश्चित करें कि ओपीडी सप्ताह में सातों दिन 24 घंटे चालू रहें ताकि एमजीएम, टीएमएच व सदर अस्पताल पर अनावश्यक दवाब न पड़े। उपायुक्त ने कहा कि जिस अस्पताल में चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं उन्हें पूरा अस्पताल बंद करने की आवश्यकता नहीं है बल्कि जिस वार्ड में कोरोना संक्रमण की पहचान हुई है सिर्फ उसे बंद करें तथा तय गाइडलाइन के मुताबिक सैनिटाइजेशन कराते हुए अस्पताल में इलाज जारी रखें अन्यथा डीएम एक्ट व अन्य सुसंगत धाराओं के तहत उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि सभी अस्पतालों में संदिग्ध मरीजों के लिए वार्ड तैयार रखें, सिर्फ संदेह के आधार पर इलाज से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
उपायुक्त द्वारा सभी अस्पताल प्रबंधन व नर्सिंग होम संचालक से 15 फीसदी संसाधन कोविड-19 के लिए तथा 85 फीसदी संसाधन आम मरीजों के लिए रखने का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि यह वो वक्त है जब आम जनता की आशा और उम्मीद प्रशासन और मेडिकल प्रैक्टिशनर से है, ऐसे में हममें से कोई भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता। यही वह समय है जब हम सभी समाज के प्रति अपने जवाबदेही का निर्वहन करते हुए सबका विश्वास बनाये रखें। बैठक में 35 निजी नर्सिंग होम व अस्पताल प्रबंधन के प्रतिनिधि शामिल हुए।