टाटा मेन हॉस्पिटल ने प्रशासन का होम सील तोड़वाकर कर्मचारी से जबरन ड्यूटी कराई, कर्मचारी निकला पॉजिटिव, उसने 100 से ज्यादा लोगों का किया था एक्सरे
कविकुमार
जमशेदपुर, 20 अगस्त : टाटा मेन हॉस्पिटल ने काम करने के लिए वैसे कर्मचारियों को जबरदस्ती बुलाया जा रहा है जिनको जिला प्रशासन ने होम क्वॉरेंटाइन में रखा है। कर्मचारी द्वारा जिला प्रशासन के होम क्वॉरेंटाइन को तोड़कर अस्पताल आने से मना किया जाता है तो उसकी नौकरी छीन लेने की धमकी दी जाती है तथा उसके साथ विभागीय एचओडी गाली गलौज भी करते हैं।
कहते हैं कि क्वारंटाइन में रखे गए कर्मचारियों से जबरन ड्यूटी करवाने के कारण टाटा मेन हॉस्पिटल कोरोना संक्रमण फैलाने का काम कर रहा है। जमशेदपुर में कोरोनावायरस से मौत के कई मामले ऐसे भी देखे गए जिनमें गैर कोरोना मरीज टाटा मेन हॉस्पिटल में दाखिल होने से पहले कोरोना नेगेटिव थे परंतु अस्पताल में दाखिल रहने के दौरान वे कोरोना पॉजिटिव हो गए। ऐसा सोनारी की पहली कोरोना से मृत महिला के साथ हुआ था। इसके बाद भी कई ऐसे मामले देखने में आए। उस वक्त यह समझ नहीं आता था कि टाटा मेन अस्पताल में दाखिल होने के बाद रोगी कोरोना पॉजिटिव कैसे हो जाता है।
परंतु 15 अगस्त को टाटा मेन हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कर्मचारियों के साथ जो अत्याचार किया, उससे पता चला कि संदिग्ध रोगी कर्मचारियों से ड्यूटी करा कर संभवत टाटा मेन हॉस्पिटल कोरोना फैला रहा है।जानकारों के मुताबिक टाटा मेन हॉस्पिटल ने 13 अगस्त को ऑपरेशन थिएटर में काम करने वाले एक कर्मचारी कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए गए। उनको जीटी हॉस्टल चार में रखकर उनका इलाज शुरू किया गया तथा जिला प्रशासन ने उक्त कर्मचारी के घर के प्रत्येक सदस्य को होम क्वॉरेंटाइन कर दिया। उनके घर को जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया के अधिकारियों ने 15 अगस्त की शाम 7 बजे सील कर दिया। जिससे कोई घर से बाहर न निकले सके। इस घर में टाटा मेन हॉस्पिटल की इमरजेंसी के एक एक्सरे टेक्निशियन भी क्वॉरेंटाइन कर दिए गए।
परंतु टाटा मेन हॉस्पिटल के एक्सरे विभाग के हेड डॉक्टर सोमेन चक्रवर्ती ने फोन कर क्वारंटाइन किए गए एक्सरे टेक्निशियन को ड्यूटी पर बुलाया एक्स रे टेक्निशियन ने कहा कि प्रशासन द्वारा उन्हें क्वॉरेंटाइन कर उसके घर के दरवाजे को सील कर दिया है। इस पर डॉ सोमेन चक्रवर्ती ने उक्त कर्मचारी को गालियां दीं तथा उससे कहां के ड्यूटी पर नहीं आने पर उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा। डॉक्टर ने उससे यह भी कहा कि उन्होंने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त से उसे ड्यूटी में बुलाने की अनुमति ले ली है। डॉक्टर ने उसे अस्पताल में लाने के लिए एंबुलेंस भेजा। एंबुलेंस ड्राइवर ने जिला प्रशासन द्वारा सील घर के दरवाजे को थोड़ा सा खोल कर अवैध तरीके से एक्सरे टेक्निशियन को बाहर निकाला और टाटा मेन हॉस्पिटल ड्यूटी कराने लाया।
सोमवार को उस एक्सरे टेक्नीशियन ने टाटा मेन हॉस्पिटल के इमरजेंसी विभाग में करीब 100 से ज्यादा साधारण मरीजों का एक्सरे किया। जबकि एक्सरे टेक्नीशियन संदिग्ध कोरोना मरीज था और टाटा मेन हॉस्पिटल उससे जबरदस्ती साधारण रोगियों के लिए ड्यूटी करा रहा था। 18 अगस्त को एक्सरे टेक्निशियन की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। उसने डॉक्टर से अपनी कोरोना जांच कराने को कहा। परंतु डॉक्टर ने उसके छाती का एक्सरे करके उसे चंगा बताया और ड्यूटी करने को कहा। जब एक्सरे टेक्निशियन की तबीयत और खराब हुई तो उसने हंगामा किया। मजबूर हो गया टाटा मेन हॉस्पिटल में उसका कोरोना रैपिड टेस्ट किया गया। जिसमें वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया।
उस एक्सरे टेक्निशियन में जितने साधारण रोगियों का एक्सरे किया होगा संभवत वे भी कोरोनावायरस संक्रमण की चपेट में आ गए होंगे। ऐसी भी सूचना मिली है टाटा मेन हॉस्पिटल अपने वैसे कर्मचारियों को भी जबरदस्ती ड्यूटी पर बुलाता है जिसका क्वॉरेंटाइन पीरियड खत्म नहीं होता है। टाटा मेन हॉस्पिटल में नियम है कि कोरोनावायरस पॉजिटिव मरीजों के बीच काम करने वाले कर्मचारियों को 7 दिनों तक क्वॉरेंटाइन में रहना पड़ता है। परंतु यहां के डॉक्टर क्वॉरेंटाइन का समय पूरा होने के एक-दो दिन पहले ही कर्मचारियों को बुला लेते हैं। मालूम हो टाटा मेन हॉस्पिटल द्वारा पहले क्वारंटाइन का समय 14 दिन था। जिसे घटाकर 7 दिन का दिया गया।
पूर्वी सिंहभूम जिला के डीसी के नाम पर क्वॉरेंटाइन अवधि में घर की सील तोड़ कर कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाने की जांच जरूरी है, क्योंकि इससे कोरोना संक्रमण बढ़ने की पूरी संभावना है। आश्चर्य की बात यह है कि कानून का यह उल्लंघन टाटा स्टील के वर्ल्ड क्लास अस्पताल टाटा मेन हॉस्पिटल में हो रहा है।