प्रमाण पत्र मिलने के चार साल बाद भी झारखंड के आंदोलनकारी को पेंशन नहीं
जमशेदपुर, 20 अगस्त : कोरोना संक्रमण काल में लोगों को रुपयों की कमी का दंश झेलना पड़ रहा है। वैसी स्थिति में झारखंड के एक आंदोलनकारी को पेंशन नहीं मिलने के कारण आर्थिक कठिनाई से जूझना पड़ रहा है। ऐसा नहीं कि उन्हें पेंशन नहीं मिलने का कोई बहुत बड़ा कारण है। नाम में मामूली परिवर्तन कर उनको पेंशन दिया जा सकता है। इसके लिए आंदोलनकारी एफिडेविट करने को भी राजी हैं, परंतु पूर्वी सिंहभूम जिले के संबंधित नौकरशाह आंदोलनकारी को परेशान करने पर आमादा हैं। आंदोलनकारी इंद्रजीत प्रसाद बाउरी ने अपना पेंशन चालू कराने के लिए पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को फरवरी महीने में पत्र दिया था। उसमें उन्होंने कहा था कि वे 183, भुईयांंडीह झारखंड के निवासी हैं। उनकी झारखंड आंदोलनकारी प्रमाण पत्र संख्या 2016 है। जो उनको 22 जनवरी 2016 को उन्हें दिया गया था। परंतु 4 साल बीतने के बाद भी उनका पेंशन उन्हें नहीं मिल रहा है। झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारी इंद्रजीत प्रसाद बाउरी ने उपायुक्त से अनुरोध किया था कि उनका पेंशन चालू कराएं, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक हो सके। बताते हैं कि इंद्रजीत प्रसाद बाउरी के घरेलू नाम इंदु बागती के नाम से जिला दंडाधिकारी एवं उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर ने उन्हें प्रमाण पत्र दिया था।