मौत से चंगुल में फंसा है आदिवासी विधवा का इकलौता बच्चा, अर्जुन मुंडा तथा हेमंत सोरेन को ट्वीट
कविकुमार जमशेदपुर, 13 अगस्त : भारतीय जनता पार्टी के सांसद तथा केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री के खूंटी संसदीय क्षेत्र तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दशरथ गहराई के खरसावां विधानसभा क्षेत्र के मोहन बेड़ा गांव की निवासी विधवा पंगेला केराई का 13 साल का बच्चा किरीश केराई अंतिम सांसे गिन रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक सही उपचार मिलने पर उसकी जान बच सकती है, परंतु वह महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पेडियाट्रिक इमरजेंसी में उचित इलाज से वंचित है। यहां के डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे को लिंफैटिक ल्यूकेमियां होने की संभावना है। बोन मैरो जांच के बाद ही उस बीमारी का पक्का पता चल सकता है परंतु इस जांच की सुविधा अस्पताल में नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे के खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा 3 है जबकि यह मात्रा 12 होनी चाहिए। उसके शरीर में प्लेटलेट्स 25000 में जबकि यह मात्रा एक लाख से 4 लाख के बीच होनी चाहिए। कम प्लेटलेट होने के चलते बच्चे के शरीर में अंदरूनी ब्लीडिंग शुरू हो गई है तथा हीमोग्लोबिन घटने लगा है। एमजीएमसीएच अस्पताल में कंपोनेंट्स ऑपरेटर नहीं है इसके चलते प्लेटलेट चढ़ाने में दिक्कत आ रही है। डॉक्टरों ने बताया कि अगर एक दिन में प्लेटलेट नहीं बढ़ा तो बच्चे को बचाना मुश्किल हो जाएगा। सुबह बच्चे को दो यूनिट प्लेट प्लेट चढ़ाया गया। उसके मामा मादरू सोरेन ने अपना खून देकर जमशेदपुर ब्लड बैंक से प्लेटलेट हासिल किया। शाम को डॉक्टरों ने चार यूनिट प्लेटलेट्स और लाने को कहा। जमशेदपुर ब्लड बैंक में बिना डोनर के प्लेटलेट देने से इनकार कर दिया। तब ‘आज़ाद न्यूज़’ के आग्रह पर आनंद मार्ग के सुनील आनंद रात 10 बजे जमशेदपुर ब्लड बैंक पहुंचे और बीमार बच्चे के मामा को 4 यूनिट प्लेटलेट दिलवाया। इस बच्चे को महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल हॉल हॉस्पिटल में 11 जुलाई को शाम 4:45 बजे दाखिल किया गया था। पेडियाट्रिक विभाग के डॉक्टर साधारण तरीके से इलाज कर रहे थे। 2 दिनों में उचित इलाज नहीं मिलने के चलते उसका हिमोग्लोबिन घटता गया और उसकी हालत बिगड़ गई। बच्चे की खांसी में खून भी आने लगा। अपने सर की बला टालने के लिए पेडियाट्रिक्स विभाग के डॉक्टरों ने बच्चे को रिम्स रेफर कर दिया। बच्चे की मां के पास रुपए नहीं थे। वह अपने बच्चे को लेकर अपने गांव जाने की तैयारी करने लगी। आज शाम ‘आज़ाद न्यूज़’ ने बच्चे की खबर ली तब एमजीएमसीएच कैंसर विभाग के हेड डॉ अरुण कुमार को बुलाकर बच्चे की जांच कराई गई। उन्होंने बच्चे को लिंफैटिक ल्यूकेमिया होने की बात कही। ‘आज़ाद न्यूज़’ में खूंटी के सांसद सह केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा तथा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर आदिवासी बच्चे की बीमारी की गंभीरता और सही इलाज नहीं मिलने की बात बताई। जिससे उन दोनों की पहल पर गरीब आदिवासी विधवा मां के इकलौते बच्चे की जान बचाई जा सके। देखें ये राजनेता कल बच्चे के उचित इलाज का क्या इंतजाम करते हैं। |