एसआरएल डायग्नोस्टिक ने गर्भवती महिला को कोरोना पॉजिटिव होने की गलत रिपोर्ट दी
जमशेदपुर, 12 सितंबर : सरकार ने कुछ प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटरों को कोरोना टेस्ट करने की अनुमति दी है, परंतु इनमें से एसआरएल डायग्नोस्टिक इस अनुमति का गलत फायदा उठाते हुए लापरवाही पूर्वक गलत रिपोर्ट जारी कर रहा है।
एसआरएल डायग्नोस्टिक में लापरवाही की हद तब हो गई जब उसने एक गर्भवती महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव देदी। उस रिपोर्ट में सैंपल कलेक्शन की तिथि और उम्र गलत लिखी हुई थी। जिसके कारण जांच कराने वाले परिवार को शक हुआ और उन्होंने एसआरएल डायग्नोस्टिक्स इंचार्ज वर्षा सिह, उमेश उपाध्याय और भोला पांडेय से पूछताछ की। भुक्तभोगी परिवार शंकर सिंह निवासी हरहरगुट्टू, कृष्णा पुरी ने बागबेड़ा थाना में एसआरएल डायग्नोस्टिक की वर्षा सिंह, नमूना संग्रह करने वाले तथा मीडिएटर उमेश उपाध्याय तथा भोला पांडेय पर कोरोना टेस्ट के नाम पर ₹2600 ठगने और गर्भवती महिला को गलत रिपोर्ट देने का एफआईआर दर्ज कराया है।

इसमें यह भी लिखा गया है कि अगर गर्भवती महिला को उसकी पॉजिटिव रिपोर्ट की जानकारी घरवाले देते तो किसी भी तरह की अशोभनीय घटना हो सकती थी। पुलिस को दिए गए आवेदन के साथ एसआरएल डायग्नोस्टिक द्वारा दी गई गलत रिपोर्ट की कॉपी भी संलग्न की गई है। मालूम हो शंकर सिंह ने अपने छोटे भाई कुंदन कुमार सिंह, जो वायु सेना में काम करते हैं, की पत्नी रीना कुमारी की जांच कराई थी। रीना कुमारी नौवें महीने की गर्भवती है। उमेश उपाध्याय ने 7 सितंबर को रीना कुमारी का नमूना लिया। जब 9 सितंबर तक रिपोर्ट नहीं आई तो शंकर सिंह ने उमेश उपाध्याय से पूछताछ की। उन्होंने मोबाइल पर रीना की रिपोर्ट भेजी जो कोरोना पॉजिटिव बताई गई थी।
इससे पूरा परिवार परेशान हो गया तथा वायु सेना से छुट्टी लेकर रीना कुमारी के पति को भी जमशेदपुर आना पड़ा। उन्हें काफी दिक्कत से छुट्टी मिली। घर वालों ने ध्यान से देखा तो रिपोर्ट में रीना कुमारी की जगह सिर्फ रीना लिखा है। उसकी उम्र भी अलग है तथा नमूना लेने की तारीख भी अलग है। इससे ज्ञात हुआ की एसआरएल डायग्नोस्टिक ने रीना कुमारी को गलत रिपोर्ट दे दी। कोरोना काल में यह गलती काफी बड़ी मानी जा रही है। इससे मरीज आत्महत्या भी कर सकता था, अतः एसआरएल डायग्नोस्टिक से कोरोना के टेस्टिंग का अधिकार वापस लेने की मांग सरकार से की जा रही है।
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