जान लें लीजिए सी.ए.ए., एन.आर.सी. के विरोधियों का छिपा इरादा!
–सुरेंद्र किशोर–
सी.ए.ए., एन.पी.आर. और एन.आर.सी.से उन लोगों की नागरिकता पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ने वाला है जो इस देश के वास्तविक नागरिक हैं, चाहे वे किसी भी धर्म या समुदाय के क्यों न हों। फिर भी इसके खिलाफ दिल्ली तथा अन्य जगह दंगे क्यों हुए? भविष्य में भी न होंगे, इसकी कोई गारंटी है?

इन दंगाइयों और उनके समर्थकों का असली मकसद क्या है? क्या वह मकसद मामूली है? उस मकसद का मुकाबला इस देश को कैसे करना है? यह देश इतिहास के नाजुक मोड़ पर आज खड़ा है।इस देश के उन लोगों को इस पर गंभीरतापूर्वक चिंतन करना है जो इस देश में एकता, अखंडता, धर्म निपेक्षता व लोकतंत्र बनाए रखना चाहते हैं। अभी नहीं सोचेंगे तो फिर देर हो चुकी होगी।