जिले में कोरोना फैलाकर प्रशासन को चकमा देकर फिर से महानगर भाग रहे जिला के मज़दूर
जमशेदपुर, 2 सितंबर : पूर्वी सिंहभूम जिला को कोरोना संक्रमण के संकट में डालने के बाद यहां के प्रवासी मज़दूर फिर से पूर्वी सिंहभूम जिला छोड़कर आंध्र प्रदेश, बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, पश्चिम बंगाल, दिल्ली वगैरह राज्यों मेंं नौकरी करनरे जाने लगे हैं। जबकि देश में कोरोना संक्रमण का खतरा समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि पहले से ज्यादा है।
ये मज़दूर अवैध ढंग से पूर्वी सिंहभूम जिले में आई बसों में रेड जोन राज्यों में जाते हैं।1 सितंबर से पहले ये मज़दूर छुप-छुप कर बसों में भरकर जिले से बाहर जाते थे। परंतु 1 सितंबर के बाद ये मज़दूर खुलेआम बसों में भरकर संक्रमित राज्यों में जा रहे हैं। क्योंकि झारखंड सरकार में बसों का परिचालन शुरू कर दिया है। नियमत: श्रम विभाग को दूसरे राज्यों में जाने वाले मज़दूरों का रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही उन्हें रवाना करना है। परंतु श्रम विभाग सोया रहता है और ये मज़दूर दूसरे राज्यों की ओर भागते हैं।

ऐसा नहीं कि झारखंड सरकार ने प्रवासी मज़दूरों के लिए रोजगार के उपाय नहीं किए। प्रत्येक जिले में विभिन्न रोजगार योजनाएं शुरू कर इन मज़दूरों को रोजगार देने का काम जारी किया गया। यहां इन मज़दूर को महानगरों के समान वेतन मिलना कठिन है। महानगरों में ये मज़दूर रोजाना 1000 रुपये तक मज़दूरी पाते हैं परंतु झारखंड में इन्हें 250 से 350 रुपये प्रतिदिन मज़दूरी उपलब्ध थी। इस मज़दूरी में भी ये मज़दूर अपने गांव में रहकर आसानी से जीवनयापन कर सकते थे, परंतु ज्यादा रुपए का लालच और महानगर की रंगीनियों ने इन्हें फिर अपनी ओर खींच लिया। ऐसी हालत में कोरोना का संकट बढ़ने पर झारखंड सरकार इन्हें फिर विशेष ट्रेन चलाकर और एयर लिफ्ट करा कर झारखंड लाएगी?
सूत्रों के मुताबिक अब तक पूर्वी सिंहभूम जिले से दो हजार से ज्यादा प्रवासी मज़दूर भागकर महानगरों में जा चुके हैं। यह सिलसिला जारी है। कल पोटका थाना क्षेत्र के बड़ा सिगदी गांव से 32 मज़दूरों को लेकर जेएच 05 एएक्स 3686 बस बेंगलोर के लिए रवाना हुई। ये सभी मज़दूर ग्रोथ हेल्प संगठन में काम करते थे। पोटका प्रखंड के सोहदा, चांदपुर, बड़ा सिगदी के साथ जुगसलाई के राहरगोड़ा क्षेत्र के मज़दूर भी इस बस पर सवार थे। जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के करीब 50-60 मज़दूर बस पर रवाना हुए। ये मज़दूर गौरव हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड में काम करते थे। बड़ासिगदी के निवासी मजदूर गणेश ने बताया कि झारखंड सरकार ने उन्हें रोजगार देने का भरोसा देकर यहां बुलाया था, परंतु उन्हें रोजगार नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि यहां मनरेगा में भी उन्हें काम नहीं मिला। कुशल मज़दूरों के लिए ग्रामीण क्षेत्र में कोई काम नहीं है।