डॉ अजय फिर कांग्रेस में, भाजपा की मुसीबत बढ़ी
कविकुमार
जमशेदपुर, 27 सितंबर : आज कांग्रेस पार्टी के लिए एक खुशखबरी यह है कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता व कांग्रेस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व आईपीएस पदाधिकारी और जमशेदपुर के पूर्व सांसद डॉ अजय कुमार ने फिर से कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। 2019 के विधानसभा चुनाव से पूर्व उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। उनके पुनः कांग्रेस में आने पर कांग्रेस के ग्रास रूट के कार्यकर्ताओं से लेकर बड़े नेताओं तक में ऊर्जा का संचार हुआ है।
याद रहे जब डॉक्टर अजय कुमार पहली बार झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने थे, उससे पहले कांग्रेस झारखंड में मृतप्राय थी। डॉ अजय ने प्रदेश कांग्रेस में नई जान फूंकी और गांव-गांव तक कांग्रेस के कार्यकर्ता सक्रिय हो गए। इससे कांग्रेस के पुराने दिग्गज नेताओं की अहमियत कम हुई। यह बात कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को रास नहीं आई। पुराने नेताओं ने एक षड्यंत्र के तहत डॉक्टर अजय को अपमानित किया। डॉ. अजय ने आलाकमान को इन नेताओं के बारे में खुला खत लिखा और इनकी पोल खोली।

उस वक्त 2019 का विधानसभा चुनाव सर पर था। इसलिए आलाकमान ने डॉ अजय कुमार के पत्र पर ध्यान नहीं दिया। नतीजतन अपने जमीर की आवाज सुनते हुए उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। आज ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के जनरल सेक्रेटरी सांसद केसी वेणुगोपालन ने एक पत्र जारी करते हुए प्रेस से कहा है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने डॉ अजय कुमार के कांग्रेस में पुनर्वापसी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
इसमें दो मत नहीं कि डॉ. अजय कुमार को जल्दी ही कांग्रेस का झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा, क्योंकि कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव झारखंड के मंत्री हैं। एक पद के सिद्धांत के मुताबिक उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ना था। परंतु किसी योग्य व्यक्ति के नहीं मिलने के कारण वे प्रदेश अध्यक्ष का पद भी ढो रहे थे। डॉ. अजय की कांग्रेस में पुनर्वापसी के बाद ऐसा समझा जा रहा है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत और प्रदीप कुमार बलमुचु की भी कांग्रेस में वापसी होगी।
सुखदेव भगत कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए थे और प्रदीप कुमार बलमुचु कांग्रेस छोड़कर आजसू पार्टी में गए थे। यह सब उन दोनों नेताओं को कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने के चलते हुआ था। कांग्रेस ने एक नई रणनीति के तहत अपने वैसे पुराने नेताओं को वापस लाने की कोशिश शुरू की है जो जन्मजात कांग्रेसी हैं। वे कांग्रेसी विचारधारा से प्रभावित हैं परंतु किसी कारणवश वे भारतीय जनता पार्टी या अन्य पार्टियों में चले गए। इस कड़ी में पहली वापसी डॉ अजय कुमार की बताई जा रही है।
डॉ अजय कुमार को कांग्रेस से बाहर जाने पर मजबूर करने वाले नेताओं के खेमे में सन्नाटा है। ऐसा समझा जा रहा है कि इस बार डॉ. अजय कांग्रेस में पूरी ताकत के साथ वापस आए हैं। अब वे झाड़ू मारने के भी अभ्यस्त हो गए हैं। कांग्रेस के कचड़े को वे पूरी ताकत के साथ साफ करेंगे। कांग्रेस के सीनियर नेता इंदरजीत सिंह कालरा ने डॉक्टर अजय की घर वापसी का स्वागत सबसे पहले करते हुए प्रेस बयान जारी किया। उसमें उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पुराने साथियों के वापस आने से काफी मजबूत होकर सामने आएगी।