मशीन में फंस कर मर गया टाटा स्टील का अफसर, किसी को पता भी नहीं चला
जमशेदपुर, 22 सितंबर : विश्व प्रसिद्ध टाटा स्टील में सेफ्टी की पोल आज खुल गई। हद दर्जे की लापरवाही के कारण टाटा स्टील के आईएल 4 रैंक के युवा अधिकारी सिराज जमा खान (27) की मौत एग्जिट लूपर मशीन में फंस जाने के चलते हो गई। यह मशीन टाटा स्टील के कोल्ड रोलिंग मिल के सीजीएल टू में है। चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी कंपनी, जहां 24 घंटे काम चलता है, वहां युवा अधिकारी को मशीन के पास जाते, मशीन को दुरुस्त करते और मशीन में फंसते किसी ने भी नहीं देखा।
यहां तक कि मशीन में फंसकर वे घंटे भर पड़े रहे। विश्व प्रसिद्ध कंपनी के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक बात और नहीं हो सकती। जबकि यह शत प्रतिशत सत्य है कि टाटा स्टील के मैनेजिंग डायरेक्टर टीवी नरेंद्रन कंपनी को दुर्घटना मुक्त बनाना चाहते हैं। परंतु उनके नीचे के अधिकारियों की लापरवाही के कारण टाटा स्टील में शर्मनाक दुर्घटनाएं हो रही हैंं। जैसा कि हर दुर्घटना में होता है, टाटा स्टील ने इस मामले की हाई लेवल इंक्वायरी शुरू कर दी है।

दूसरी ओर टाटा स्टील के फैक्ट्री इंस्पेक्टर विनीत कुमार ने अपने स्तर पर इंक्वायरी शुरू की है। भारतीय जनता पार्टी के राजनेताओं और मंत्रियों के चहेते फैक्ट्री इंस्पेक्टर विनीत कुमार सरकारी फैक्ट्री इंस्पेक्टर के रूप में ड्यूटी करते हैं पर दुर्घटना होने के बाद वे टाटा स्टील के अफसर बनकर काम करने लगते हैं। गंभीर से गंभीर दुर्घटना को चुटकी बजाते ही रफा-दफा कर देना विनीत कुमार का इतिहास रहा है। इनके कारण टाटा स्टील की खामियों का पता सरकार और टाटा स्टील के एमडी को नहीं चल पाता। जिसके कारण सुधार नहीं होता और दुर्घटनाओं में मजदूरों की मौत होती रहती है।
यह सब जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की पूर्व झारखंड सरकार टाटा स्टील की गहरी दोस्ती थी। इसी के तहत जमशेदपुर को एक वफादार फैक्ट्री इंस्पेक्टर विनीत कुमार सरकार द्वारा तोहफे में दिया गया।जबकि टाटा स्टील के मैनेजिंग डायरेक्टर टीवी नरेंद्रन चाहते हैं कि दुर्घटना की जांच सही तरीके से हो। जिससे वे भविष्य में होने वाली दुर्घटना से टाटा स्टील को बचा सकें। मृत अधिकारी के बारे में बताया जाता है कि वे आदित्यपुर में एक फ्लैट लेकर रह रहे थे। वे मूल रूप से राजस्थान के निवासी बताए जाते हैं। उन्होंने 4 साल पहले टाटा स्टील में नौकरी शुरू की थी। दुर्घटना आज सुबह 5 बजे की बताई जाती है। सुबह 6 बजे प्रथम पाली के मज़दूर मशीन के पास गए तो उन्होंने सिराज जमा खान की लाश खून से लथपथ मशीन ने फंसी हुई देखी। तब प्रबंधन के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई।
ReplyForward |
Tata still me kisi majdur ka jan jana aam bat hai our log ese paisa dekar rafa dafa kar dete hai
बहुत ही शर्मनाक । टाटा स्टील जैसी कम्पनी से ये उम्मीद नहीं थी।