झामुमो के 4 विधायकों पर भारी हैं भाजपा के एक पूर्व विधायक
कविकुमार
जमशेदपुर, 1 अक्ततूबर : आज यह सुन कर जमशेदपुर के लोग हैरान रह गए कि दो बीमार महिलाओं की लाशें टाटा मेन हॉस्पिटल से छुड़ाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के चार विधायक और एक पूर्व सांसद को अस्पताल में जाकर हंगामा करना पड़ा। जबकि यह काम भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी (पूर्व विधायक) बिना अस्पताल गए फोन पर बात करके ही पूरा कर लेते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद विद्युत वरण महतो के प्रतिनिधि अकेले ही लोगों की फीस माफ करा कर लाशें उनके परिजनों को दिला देते हैं। वैसे भी हाई कोर्ट का आदेश है कि कोई भी अस्पताल चार्ज नहीं देने के कारण लाश रोक नहीं सकता। इसके बाद भी झारखंड मुक्ति मोर्चा के 4 विधायकों और एक पूर्व सांसद को अपनी पूरी ताकत लगानी पड़ी। तब टाटा मेन हॉस्पिटल ने 2 महिलाओं के लाशों को बिना अस्पताल का चार्ज लिया छोड़ा।

घटना के बारे में बताते हैं कि जुगसलाई विधानसभा की एक बीमार महिला की मौत टाटा मेन हॉस्पिटल में हो गई। इसी तरह पोटका विधानसभा की निवासी दूसरी महिला की मौत भी टाटा मेन हॉस्पिटल में हो गई। दोनों के परिवार के लोग गरीब हैं। वे टाटा मेन हॉस्पिटल का भारी-भरकम बिल नहीं चुका पा रहे थे। पोटका के झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक संजीव सरदार तथा जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक मंगल कालिंदी ने टाटा मेन हॉस्पिटल से गुजारिश की कि वे गरीब परिवारों की महिलाओं की लाश छोड़ दें।
परंतु टाटा मेन हॉस्पिटल प्रबंधन ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया। तब आज मजबूर होकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के जनप्रतिनिधियों को अपनी पूरी ताकत झोंकनी पड़ी। आज अपने समर्थकों को लेकर पोटका के विधायक संजीव सरदार, जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी, बहरागोड़ा के विधायक समीर महंती, घाटशिला के विधायक सह झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामदास सोरेन तथा पूर्व सांसद सुमन महतो को टाटा मेन हॉस्पिटल जाना पड़ा। अस्पताल प्रबंधन से तीखी नोकझोंक होने के बाद काफी देर बाद मृत महिलाओं की लाशें उनके परिजन को सौंपी गईंं।
आम जनता में चर्चा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के चार विधायक के बराबर भारतीय जनता पार्टी के एक पूर्व विधायक व सांसद प्रतिनिधि नंदकिशोर हैंं।
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