गुरु की सेना सबसे बहादुर और त्यागी
कवि कुमार
जमशेदपुर, 30 नवंबर : आज प्रकाश उत्सव के दौरान गुरु गोविंद सिंह के सैनिकों ने साबित कर दिया कि वे सबसे ज्यादा बहादुर और त्यागी हैं। हर साल की तरह आज गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर निकाले जाने वाले विशाल जुलूस को नहीं निकालने का फैसला लेकर सिख समुदाय के लोगों ने खुद को हिंदू और मुस्लिम से ऊंचा उठा दिया।
क्योंकि विश्वव्यापी कोविड-19 बीमारी से बचाव के लिए यह जरूरी था कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए और जुलूस निकलने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन असंभव था। यह सब जानते हैं कि कोरोना काल के दौरान मुसलमान और हिंदुओं के कई महत्वपूर्ण पर्व और त्योहार सामने आए। हर बार मुसलमानों और हिंदुओं ने पर्व त्योहार में भीड़ जुटाने वाले आयोजन करने की वकालत की। स्थिति यहां तक आई कि प्रशासन से टकराव की स्थिति पैदा हुई।
कई बार प्रशासन ने कड़ाई से हिंदू और मुस्लिम समुदाय को रोका तो कई बार सरकार ने इन लोगों की जिद के सामने अपना माथा टेक दिया। इन दोनों समुदाय के लोगों ने अपने पर्व में कोविड-19 के नियमों की धज्जियां उड़ाईं। ईद, दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा में यह खुले आम देखा गया। परंतु सिखों के महान गुरुओं के सैनिकों ने खुद घोषणा की कि वे कोविड-19 को देखते हुए प्रकाश उत्सव के दौरान जुलूस नहीं निकालेंगे। इससे बड़ी महानता और कोई नहीं हो सकती। धन्य सिख समाज और धन्य उनके गुरु।
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