पर्व त्यौहार के मौसम में कोरोना बढ़ा या घटा, नहीं चल सका पता
कवि कुमार
जमशेदपुर, 5 नवंबर : ऐसा संदेह व्यक्त किया जा रहा था कि पर्व त्योहार के मौसम में सामाजिक दूरी टूटेगी, लोग मास्क का उपयोग नहीं करेंगे तो कोविड-19 लोगों को अपनी चपेट में लेगा। पर्व त्योहार के दौरान झारखंड सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन में विधायकों के कहने पर ढील भी दी गई। जिसके कारण खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किया गया और मास्क भी बहुत कम लोगों ने ही पहना।
बाजारों में भीड़ भी हुई और फुटपाथी दुकानदारों के चलते हर एक बाजारों में मछली बाजार जैसी भीड़ लगी। प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत लगा दी पर अगर जनता न चाहे तो सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना असंभव था। पर्व त्यौहार के मौसम का कोविड-19 के प्रसार में कितना योगदान रहा इसका आंकड़ा अब तक पता नहीं किया जा सका है। इसका कारण जांच के लिए एकत्रित किए गए नमूने की जांच में होने वाली देर बताई जाती है।
त्योहारों का असर जानने के लिए स्वास्थ्य विभाग में स्पेशल ड्राइव चलाकर नमूने लिए। सूत्रों के मुताबिक 17482 नमूने लिए गए। परंतु इनकी जांच अब तक नहीं हो पाई। इसका कारण महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने प्रेस को बताया है कि कॉलेज में स्थित वायरोलॉजी लैब में कोविड-19 के नमूनों की जांच करने के लिए लगाई गई पांच आरटीपीसीआर मशीनों में से दो मशीनें चार पांच हफ्तों से खराब हैंं।
जिसके चलते जांच की संख्या काफी कम हो गई है। महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के सूत्रों के मुताबिक जिले में मार्च महीने से अब तक 4,45,006 नमूने एकत्रित किए गए थे। जिनमें से 3,87,024 की जांच हो चुकी है। 17,482 नमूनों की जांच करना बाकी है। दो मशीन खराब होने के चलते इन नमूनों की जांच होने में काफी देर हो जाएगी इसलिए इनमें से 4000 नमूने जांच के लिए हजारीबाग भेजे जा रहे हैं।
बताया जाता है की स्पेशल ड्राइव द्वारा लिए गए इन नमूनों की जांच रिपोर्ट आने पर यह साफ हो जाएगा कि पर्व त्यौहार के दौरान जमशेदपुर तथा पूर्वी सिंहभूम जिले के अन्य प्रखंडों में कोविड-19 बढ़ा है या नहीं। कोरोना से लड़ने की रणनीति बनाने के लिए यह जानना जिला प्रशासन के लिए काफी जरूरी है। वैसे टाटा मेन हॉस्पिटल के उच्चाधिकारी ने अपनी राय प्रकट करते हुए प्रेस के सामने कहा है कि दिसंबर महीने में कोविड-19 के मरीज बढ़ेंगे।
उन्होंने आम लोगों को सतर्कता बरतने को कहा है। टाटा मेन हॉस्पिटल के उच्च पदाधिकारी के इस अंदेशे को देखते हुए भी यह जानना जरूरी है कि पर्व त्यौहार की वजह से कोविड-19 का कितना असर रहा। वैसे अभी कोरोना के 204 एक्टिव केस हमारे यहां हैं, जो झारखंड के किसी भी जिले से सबसे ज्यादा बताए जाते हैं। आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी सिंहभूम जिले में कोविड-19 के कारण सबसे अधिक 372 मौतें भी हो चुकी हैं।
अच्छे संकेत यह हैं कि पूर्वी सिंहभूम जिला के बहरागोड़ा और डुमरिया में सिर्फ एक-एक एक्टिव केस है। मुसाबनी में एक्टिव केस की संख्या 2 है। पटमदा में छह और चाकुलिया में नौ एक्टिव केस रह गए हैं। इन प्रखंडों से कोरोना जल्दी ही समाप्त हो जाएगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है। परंतु बाकी प्रखंडों में एक्टिव केस की संख्या 2 अंकों में है। यहां कोरोनावायरस समाप्त होने में कुछ समय लग सकता है।