सत्ताधारी दल द्वारा सीनियर एसपी का पुतला पहली बार जला
कवि कुमार
जमशेदपुर, 31 दिसंबर : विपक्षी दलों द्वारा सीनियर एसपी और सिटी एसपी का पुतला जमशेदपुर के इतिहास में कई बार जला परंतु सत्तारूढ़ दल के द्वारा सीनियर एसपी का पुतला जलाने की यह शायद पहली घटना है।
सीनियर एसपी डॉक्टर एम तमिल वाणन का पुतला कांग्रेसियों ने कल भी जलाया और आज भी। कांग्रेसियों ने साफ कहा कि एसएसपी का पुतल वे झारखंड के कांग्रेस कोटा के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के कहने पर जला रहे हैं। प्रेस से भी यह बात खुलेआम कही गई।
किसी सत्ताधारी मंत्री द्वारा अपने ही जिले में जिले के सीनियर एसपी का पुतला जलवाने के कारण अनेक प्रश्न खड़े हो गए हैं। पहला प्रश्न यह है कि सीनियर एसपी ने मंत्री की कोई नाजायज पैरवी नहीं सुनी होगी। ऐसी एक नहीं अनेक पैरवी होगी। जिसे एसएसपी ने नहीं सुना होगा, क्योंकि एक पैरवी नहीं सुनने पर कोई भी मंत्री एसएसपी का पुतला नहीं जलवाता।
दूसरा प्रश्न खड़ा होता है के एसपी के खिलाफ मंत्री ने डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, मुख्य सचिव या मुख्यमंत्री से भी शिकायत की होगी। जब उन लोगों ने भी एसएसपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की, तब अंत में मंत्री को आंदोलन का सहारा लेना पड़ा, यह सभी प्रश्न जनमानस के मस्तिष्क में घूम रहे हैं।
परंतु इस बात पर अब तक पर्दा पड़ा है कि मंत्री की कौन सी पैरवी सीनियर एसपी डॉक्टर एम तमिल वाणन ने नहीं सुनी जिसके चलते मंत्री को उन्हें जमशेदपुर से हटाने के लिए पुतला दहन कार्यक्रम का सिलसिला जारी कर आना पड़ा। यह भी गौर करने वाली बात है कि एसएसपी का पुतला जलाने वाले सभी कांग्रेसी मंत्री बन्ना गुप्ता के चट्टे बट्टे हैं।
कुछ लोग एसएसपी के पुतले जलाने को कल हुई जमीन दलाल मोहम्मद दानिश की हत्या के मामले से जोड़ रहे हैं। हत्या के बाद पुलिस ने शक के आधार पर 2 लोगों को पकड़ लिया था। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मोहम्मद दानिश मंत्री बन्ना गुप्ता का आदमी था या फिर उसकी हत्या के आरोप में पूछताछ के लिए पकड़े गए दो लोग बन्ना गुप्ता के आदमी हैं।
बहरहाल सीनियर एसपी का पुतला दहन से पूरे पुलिस बल का मनोबल गिरता है, तथा अपराधियों का मनोबल ऊंचा होता है। सीनियर एसपी का पुतला जलाने वाले कांग्रेसियों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए थी।
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