पंचमुखी हनुमान और शनि महाराज की स्थापना करने वाले गायब हुए, प्रशासन ने प्रतिमाएं हटाईं
जमशेदपुर, 15 मई : करीब 2 सप्ताह से साकची स्थित रविंद्र भवन के पीछे खाली स्थान पर कब्जा करने की नीयत से पंचमुखी हनुमान और शनि महाराज की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना करने वाले हिंदू समाज के आधा दर्जन नेता आज गधे के सिर के सिंग की तरह गायब हो गए जब जिला प्रशासन के एडीएम लॉ एंड ऑर्डर पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।
पुलिस और प्रशासन के लोगों ने यहां लगाए गए टेंट को हटाया। उसके बाद दोनों मूर्तियों को आदर के साथ अपने साथ ले गए। प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक जमीन कब्जा करने की नीयत से स्थापित की गई भगवान की मूर्तियों के पीछे ओम बाबू सिंह और राम बाबू सिंह का नाम सामने आ रहा है।

कुछ दिन पहले जब अनुमंडल पदाधिकारी नीतीश कुमार सिंह ने रामबाबू सिंह से खुद मूर्ति हटा लेने को कहा तो वे मूर्ति स्थापित करने की बात से मुकर गए। तब अनुमंडल पदाधिकारी ने उन्हें फोटो दिखाते हुए कहा कि आप खुद मूर्ति स्थापना समारोह में मौजूद थे। अनुमंडल पदाधिकारी ने उन्हें मूर्ति हटा लेने को कहा परंतु रामबाबू सिंह, ओम बाबू सिंह, अरुण सिंह वगैरह द्वारा मूर्ति नहीं हटाने पर आज प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ पूजा स्थल पर पहुंचकर मूर्तियां हटाईंं।
मालूम हो इस स्थान को टाटा स्टील में ग्रेजुएट कॉलेज फॉर विमेन की नई बिल्डिंग के लिए आवंटित किया है। यहां कब्जा होने पर कॉलेज भवन निर्माण में परेशानी हो सकती थी। इसलिए प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पंचमुखी बजरंगबली एवं शनि महाराज की प्रतिमा हटाने का बीड़ा उठाया। हिंदू समाज के लोगों ने इसका विरोध न कर समझदारी का परिचय दिया क्योंकि जमीन कब्जा करने के लिए भगवान का सहारा लेना निहायत है घटिया काम है।