लॉग टॉग विस्थापित बस्ती में रघुवर और सरयू की अस्तित्व की लड़ाई
कवि कुमार
जमशेदपुर, 11 फरवरी : ऐसा प्रतीत होता है कि बर्मामाइंस की लॉग टांग विस्थापित बस्ती, जो रघुवर नगर के नाम से जानी जाती है, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और मौजूदा विधायक सरयू राय की अस्तित्व की लड़ाई बन गई है। दोनों दल के लोग ऐसा मान रहे हैं कि इस बस्ती में उनकी हार और जीत आगे की राजनीति तय करेगी। जमशेदपुर पूर्व विधानसभा इलाके के लोग भी इस लड़ाई को गौर से देख रहे हैं और मजा ले रहे हैं।
पुलिस प्रशासन की हालत सांप छछुंदर के समान हो गई है। उन्हें न उगलते बन रहा है न निगलते।इसी कारण 9 फरवरी को शुरू हुई टकराव की घटना 11 फरवरी को मारपीट और पथराव में बदल गई। पुलिस और प्रशासन को 2 दिन से अधिक समय मिला परंतु दो राजनीतिक दल के टकराव को बढ़ने से पुलिस नहीं रोक पाई।
चौंकाने वाली बात तो आज हुई जब पुलिस बल, मजिस्ट्रेट, थाना प्रभारी वज्र वाहन के साथ बस्ती में पहले ही पहुंच चुके थे। फिर भी वे दोनों दलों के टकराव, मारपीट, पत्थरबाजी, सड़क जाम वगैरह को रोक नहीं पाए।

जानकारों का मानना है कि 9 फरवरी को उठे विवाद के बाद पुलिस सक्रिय होती और कानून संगत कदम उठाती तो आज दोनों दलों के बीच मारपीट और पथराव नहीं होता। न पुलिसकर्मी घायल होते न कार्यकर्ता।पूरी घटना के बारे में बताया जाता है कि 9 फरवरी को विधायक सरयू राय के दल भारतीय जनता मोर्चा के नेता रुइया पहाड़ी स्थित लॉग टांग विस्थापित बस्ती पहुंचे तो उन्होंने देखा कि 1 दिन पहले विधायक सरयू राय के विकास कार्यक्रम के शिलापट को उखाड़कर गायब कर दिया गया है।
जाहिर है ऐसा भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने किया। इस घटना के बाद विधायक सरयू राय के दल के नेताओं ने पुलिस प्रशासन पर विश्वास नहीं किया तथा खुद सीधी कार्रवाई करते हुए यहां के पूर्व विधायक रघुवर दास द्वारा किए गए विकास कार्यों के शिलापट, नेम प्लेट और रघुवर नगर के द्वार पर कालिख पोत दी। दोनों पक्ष में तनाव हुआ और उसी दिन बर्मामाइंस थाना में दोनों तरफ से प्राथमिकी दर्ज की गई।
भारतीय जनता मोर्चा के कमल किशोर ने भारतीय जनता पार्टी के रामबाबू तिवारी, राजेश कुमार उर्फ पप्पू सिंह, मिट्ठू चौधरी, दीपक वगैरह पर शिलापट तोड़कर चोरी करने का मुकदमा किया। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के रविंद्र चौधरी ने भारतीय जनता मोर्चा के अमित शर्मा, दुर्गा राव, नागेंद्र सिंह, अमरेंद्र प्रताप सिंह, विवेक शर्मा, राजकुमार सिंह, रंजीत कुमार, कमल किशोर और गोल्डी सिंह सहित 10-15 लोगों पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और कालिख पोतने का मुकदमा किया।

पुलिस ने दोनों शिकायतें लेने के बाद आंख मूंद लीं। इन शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिससे दोषियों की हिम्मत बढ़ी और निर्दोष लोगों का आक्रोश बढ़ा।इस बीच भारतीय जनता मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने पत्रकार सम्मेलन कर पुलिस को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए दोषियों को गिरफ्तार न करने पर जोरदार आंदोलन की चेतावनी भी दी।
रघुवर दास के दाहिने हाथ भाजपा के पूर्व जिला अधक्ष रामबाबू तिवारीने आरोप लगाया कि पुलिस की उपस्थिति में विधायक सरयू राय के असामाजिक कार्यकर्ताओं ने रघुवर दास का शिलापट तोड़ा और काला रंग लगाया। बस्ती में पथराव भी किया। पुलिस ने लिखित शिकायत ली पर अभियुक्तों पर कोई कार्रवाई नहीं की। आज की घटना के बारे में भारतीय जनता पार्टी के रामबाबू तिवारी ने कहा कि महिलाएं रघुवर नगर में शिव चर्चा कर रही थीं।
तभी भारतीय जनता मोर्चा के लोग आए और बस्ती में घुसकर गाली गलौज करने लगे। बस्ती के लोग भी एकजुट होकर खड़े हो गए और गाली गलौज करने का कारण पूछा। तब भारतीय जनता मोर्चा के लोगों ने पथराव किया। वे हॉकी डंडा लेकर आए हुए थे। रामबाबू तिवारी ने प्रश्न किया कि अगर वे दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती मनाने आए थे तो अपने साथ हॉकी डंडा क्यों लाए थे। पुलिस को यह सूचना मिल चुकी थी कि सरयछ राय के दल भारतीय जनता मोर्चा के लोग रघुवर नगर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनाने आ रहे हैं। पुलिस पहले से ही तैनात थी।
भारतीय जनता मोर्चा के नेता रामनारायण ने बताया कि पुलिस ने उन्हें बस्ती में घुसने नहीं दिया। पुलिस के साथ बकझक होने के बाद अंत में उनके लोग मान गए और बस्ती के दरवाजे पर ही पंडित दीनदयाल जी की जयंती मनाने लगे। इसी बीच रामबाबू तिवारी के पुत्र तीन चार लड़कों के साथ बुलेट बाइक पर आए और उन्होंने भीड़ में बाइक घुसा दी।

जिससे उनके दल की महिला नेत्री को धक्का लगा। रामबाबू तिवारी के पुत्र और उनके साथियों ने महिलाओं को अपशब्द कहे। जिससे दोनों तरफ के लोग उत्तेजित हो गए और मारपीट के संभावना बढ़ गई। पर्याप्त पुलिस बल रहने के बाद भी रामबाबू तिवारी और उनके समर्थक वहां से नहीं हटे। वे सभी रास्ते पर बैठ गए।
इसी क्रम में एक पत्थर आया और महिला नेत्री को कंधे में लगा। वह घायल हो गई। इस तरह भारतीय जनता पार्टी के रामबाबू तिवारी ने उनके शांतिपूर्ण कार्यक्रम को डिस्टर्ब किया। इसके बाद भारतीय जनता मोर्चा के लोग भी धरना पर बैठ गए। उन्हें मनाने के लिए पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और उनकी प्राथमिकी पर कार्यवाही करने का आश्वासन देकर धरना हटाया।
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